अबला नहीं, लाचार नहीं, गर ठान ले एकबार।
खुद स्त्रोत शक्तिपूंज है, गर कर उठे ललकार।
-शर्मिष्ठा.
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अबला नहीं, लाचार नहीं, गर ठान ले एकबार।
खुद स्त्रोत शक्तिपूंज है, गर कर उठे ललकार।
-शर्मिष्ठा.
Kya baat
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Khub Aabhaar..
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